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Showing posts from April 14, 2024

थोड़ी बेवफ़ाई कर!

तू सबका यार कैसे हो सकता है  किसी से तो बेवफ़ाई कर  हम ही हो रहे हैं बेवफ़ा से सोहबत में तेरी तू हमसे कभी शनासाई कर  बड़े मकम्मल से थे ये वादे तेरे वस्ल के अब पेशानी पे शिकन से आने लगी है  होना है तो हो जा सबका  आ फिर मुझ ही से बेवफ़ाई कर