रास्ते आसान कर दिये |
रास्ते आसान कर दिये
कभी आना,कभी जाना होता रहा
मैंने उसके रास्ते आसान कर दिये
ज़ख़्म कुछ ऐसे बना लिये ख़ुद पर
उसके भी इल्ज़ाम अपने नाम कर लिये
उसने ख़ैर तक ना पूछी जो मैंने कहा
थोड़ा वक़्त दो मैं ख़ुद को जोड़ लूँ
उसके तोड़े हुए दिल के कई इलाज कर लिये
मैं थी ही नहीं उसकी रंगीन बारिश में कहीं
मैंने यूँ ही अपने ज़ख़्म लाल कर लिये
इस एक तरफ़ा इश्क़ का कोई मक़ाम नहीं होता
ऊँस, अक़ीदत, ज़ुनून, सब ख़ाक कर लिये
मेरा इश्क़ मौत की और चलता जा रहा था
मैंने मौत के रास्ते आसान कर दिये
कर दिया रुख़्सत महबूब को उसी की मयखाने में
हथेलीं में रखा ज़हर और ज़हर से लिखा उसका नाम
सुना है उसके नए आशिक़ ने उसके कई नाम रख दिये
ख़ैर.. मैंने उसे छोड़ दिया, ख़ुद पे इल्ज़ाम ले लिया
बस उसके जाते वक़्त उसकी यादों के क़लाम पढ़ दिए
फिर जो भी मिला उसके नाम का,
हम मुस्कुराए और उसको भी वही सलाम कर दिए..
Himadri
10/03/24
Soul stirring...
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