तुम समझ नही पाओगी,तुम्हे समझाने दो..
ऐसी तरक़ीब से उन्होंने उलझा के रख दी
बड़ी मुश्किल से जो मसले सुझाए थे
रहना - ना रहना बाद कि बाते हैं
गर नामालूम था पता, तो क्यों आये थे?
हाँ ठीक! तुम सही, हम गलत,
सब गलत, ये इश्क गलत..
हमने तो न दी थी वजह, ना रास्ते बताए थे,
गर ना मालूम था पता, तो क्यों आए थे?
मान लेते हैं तुम यूँ ही निकल आये, चलो जाने दो..
हम फिर संभाल जाएंगे, थोड़ा टूट जाने दो..
ये इश्क के फ़लसफ़े हैं, यूँ ही नही बन जाते..
कभी तो आओगे पलट के, तो पूछ लेंगे..
क्यों आए थे?
Himadri
08/01/2021
@himmicious
Comments
Post a Comment